Story of Indian prime minister Movie (Pm Narendra modi )


          Story on Pm NARENDRA MODI (indian PM)
PM NARENDRA MODI

Realsea data :22 may, 2019


फिल्म में मोदी के उल्लेखनीय साहस, बुद्धिमत्ता, धैर्य, अपने लोगों के प्रति समर्पण, एक राजनीतिक रणनीतिकार के रूप में उनके कौशल, उनके नेतृत्व ने गुजरात और बाद में भारत में  हजारों सामाजिक परिवर्तनों को कैसे प्रेरित किया, यही दिखाया गया है। यह भी कि कैसे 1950 में एक साधारण से घर में जन्‍मा एक असाधार‍ण व्‍यक्ति आर एस एस के कार्यकर्ता से राजनीति के गलियारों में पहुंचा और चार बार गुजरात का मुख्‍यमंत्री बना और फिर अंत में देश के सर्वोच्‍च राजनैतिक पद पर कैसे विराजमान हुआ।


मुख्‍य कहानी
फिल्म नरेंद्र मोदी के बचपन में आदर्श बालक की छवि में लेकर जाती है जो अपने पिता को चाय बेचने में मदद करता है। चाय बेचने के लिए उसका जुमला होता है - सबकी चाय, मोदी की चाय! कुछ सीन बाद एक थियेटर में हम उसे दहेज प्रथा का विरोध करते भी देखते हैं। मोदी, देव आनंद की फिल्म गाईड के राजू गाईड से बहुत ज़्यादा प्रेरित थे और मोदी अपने अंदर की आवाज़ सुनने के लिए सन्यास ले लेते हैं। भले ही आदर्श बालक नरेंद्र के माता पिता ऐसा नहीं चाहते हैं। मोदी पहाड़ों पर चले जाते हैं और वहां एक साधु उनसे कहता है कि वापस जाकर लोगों की सेवा करो। तो मोदी वापस आ जाते हैं और RSS में भर्ती हो जाते हैं। ये उनका मुख्यमंत्री बनने की तरफ पहला कदम होता है। चाहे उनका गुजरात दंगों की तरफ आंख मोड़ लेना हो या फिर अपने कैबिेनेट मंत्री के भ्रष्टाचार हो, मोदी अपना देसी सुपरहीरो है। हर एक मुश्किल को पार करते हुए वो प्रधानमंत्री बनने की ओर बढ़ता है।

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